जयपुर.मंत्रिमंडलीय उपसमिति की मंगलवार को हुई बैठक में विद्यार्थी मित्रों सहित अन्य शिक्षाकर्मियों का मानदेय बढ़ाने का मामला मुख्यमंत्री को सिफारिश के साथ भेजने का फैसला किया
गया। अलबत्ता इन पदों पर काम करने वाले शिक्षाकर्मियों को नियमित करने के बारे में कोई फैसला नहीं हो पाया है।
शिक्षा मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा, चिकित्सा मंत्री ए.ए. खान, राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री दयाराम परमार मौजूद थे। बैठक में पैराटीचर्स शिक्षाकर्मी, लोक जुंबिश कर्मी, मदरसा पैराटीचर, शिक्षा सहयोगी, अतिरिक्त शिक्षा सहयोगी, महिला पैराटीचर, उर्दू शिक्षा कर्मी और डीपीईपी शिक्षा कर्मी को नियमित करने और मानदेय बढ़ाने आदि विषयों पर चर्चा होनी थी।
बैठक के बाद शिक्षा मंत्री शर्मा ने बताया कि मानदेय बढ़ाने और मेडिकल खर्च की राशि बढ़ाने का मामला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये शिक्षाकर्मी नियमित करने के लिए जरूरी अर्हताओं को पूरा नहीं करते।
विद्यार्थी मित्रों को छोड़कर अन्य के लिए आरटीई के प्रावधानों के अनुसार न्यूनतम योग्यता सीनियर सैकंडरी और एसटीसी होना जरूरी है और इसके बाद ही टेट की परीक्षा के लिए योग्य हो सकते हैं। टेट की परीक्षा पास करने के बाद ही नियमित होने की प्रक्रिया हो सकती है। शर्मा ने बताया कि शिक्षाकर्मियों के साथ नरेगा सहित अन्य कई संविदा कर्मियों के मानदेय बढ़ाने के मामले भी हैं, इसी कारण इनके निर्धारण का मामला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है।
उधर, अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ ने मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में लिए फैसले का विरोध किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष केसरसिंह चंपावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत नियमित नहीं करने का शिक्षा मंत्री का बयान सर्वथा गलत है। उन्होंने कहा कि गत बार भी इन्हें प्रबोधक बनाकर नियमित किया गया था। मानदेय बढ़ाने का मामला पहले से तय था। उन्होंने चेतावनी दी कि इन मांगों को लेकर विधानसभा सत्र के दौरान आंदोलन किया जाएगा।
Government Jobs in Indiaगया। अलबत्ता इन पदों पर काम करने वाले शिक्षाकर्मियों को नियमित करने के बारे में कोई फैसला नहीं हो पाया है।
शिक्षा मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में सहकारिता मंत्री परसादी लाल मीणा, चिकित्सा मंत्री ए.ए. खान, राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री दयाराम परमार मौजूद थे। बैठक में पैराटीचर्स शिक्षाकर्मी, लोक जुंबिश कर्मी, मदरसा पैराटीचर, शिक्षा सहयोगी, अतिरिक्त शिक्षा सहयोगी, महिला पैराटीचर, उर्दू शिक्षा कर्मी और डीपीईपी शिक्षा कर्मी को नियमित करने और मानदेय बढ़ाने आदि विषयों पर चर्चा होनी थी।
बैठक के बाद शिक्षा मंत्री शर्मा ने बताया कि मानदेय बढ़ाने और मेडिकल खर्च की राशि बढ़ाने का मामला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये शिक्षाकर्मी नियमित करने के लिए जरूरी अर्हताओं को पूरा नहीं करते।
विद्यार्थी मित्रों को छोड़कर अन्य के लिए आरटीई के प्रावधानों के अनुसार न्यूनतम योग्यता सीनियर सैकंडरी और एसटीसी होना जरूरी है और इसके बाद ही टेट की परीक्षा के लिए योग्य हो सकते हैं। टेट की परीक्षा पास करने के बाद ही नियमित होने की प्रक्रिया हो सकती है। शर्मा ने बताया कि शिक्षाकर्मियों के साथ नरेगा सहित अन्य कई संविदा कर्मियों के मानदेय बढ़ाने के मामले भी हैं, इसी कारण इनके निर्धारण का मामला मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है।
उधर, अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ ने मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में लिए फैसले का विरोध किया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष केसरसिंह चंपावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत नियमित नहीं करने का शिक्षा मंत्री का बयान सर्वथा गलत है। उन्होंने कहा कि गत बार भी इन्हें प्रबोधक बनाकर नियमित किया गया था। मानदेय बढ़ाने का मामला पहले से तय था। उन्होंने चेतावनी दी कि इन मांगों को लेकर विधानसभा सत्र के दौरान आंदोलन किया जाएगा।
General knowledge of india
General knowledge of Rajasthan
Enter your email address for Job & Gk News
0 comments:
Post a Comment