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41 हजार शिक्षकों की भर्ती पर चुनावी साया, पहली सूची निरस्त

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जयपुर.राज्य में अरसे से लंबित 41 हजार शिक्षकों की भर्ती में जिलेवार पदों का आबंटन सरकार के लिए फांस बन गया। शिक्षा विभाग के रोस्टर में नौ प्रतिबंधित जिलों के लिए 20 हजार पद रखने और शेष जिलों में पर्याप्त रिक्तियां नहीं होने से पहले तैयार की गई सूची को शुरुआती दौर में ही बदलना पड़ गया। सूची में यह बदलाव आगामी चुनावों में नुकसान की आशंका को देखते हुए किया गया। अब जिलेवार नए सिरे से रोस्टर को अंतिम रूप दिया गया। यह रोस्टर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अनुमोदन के लिए भेजा गया।

शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रदेशभर में रिक्तियों और तबादलों का सामंजस्य बैठाते हुए शिक्षा विभाग को रोस्टर तैयार कर पंचायतीराज विभाग को सुपुर्द करना है। विभाग ने अपनी पहली सूची में 14034 पद प्राथमिक और 26966 पद उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए रखे। रोस्टर जब सरकार की नजर में आया तो इसमें संशोधन के निर्देश दिए गए। बताया जा रहा है कि इस बदलाव की असल वजह अगले विधानसभा चुनाव हैं। सरकार नहीं चाहती कि कई जिलों में कम पद आबंटित होने पर सरकार को नुकसान हो जाए। जिलेवार भर्तियां होने से एक आवेदक एक ही जिले से आवेदन करेगा।

प्रतिबंधित जिलों से करीब 15 हजार शिक्षकों के तबादले होने हैं। पहले तैयार सूची में इन जिलों में पहले से बड़ी संख्या में रिक्तियों के कारण करीब 50 फीसदी पद इनके खाते में चले गए। ऐसे में शेष रहे पदों का 23 जिलों में आबंटन हुआ। जयपुर, झूंझुनू जैसे कई जिलों में तो रिक्तियों की संख्या इतनी कम रही कि यहां युवाओं के साथ ही जनप्रतिनिधियों का भारी विरोध सूची तैयार होते ही नजर आने लग गया। ऐसे में नई सूची तैयार की गई।

सूची संतुलित नहीं तो भर्ती में देरी का खतरा

विभाग की नई सूची में सभी जिलों को समान तवज्जो नहीं मिली तो इस पर बवाल खड़ा हो सकता है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया में देरी भी हो सकती है। नई भर्तियों में शिक्षक को 15 साल तक तबादला नहीं करने की पाबंदी भी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर भी जिलेवार पद आबंटन को लेकर नजर रखी जा रही है। नया रोस्टर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेजा गया।

परेशानी कहां प्रतिबंधित जिलों में खाली पदों की संख्या अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा है। ऐसे में ज्यादा रिक्तियां प्रतिबंधित जिलों के खाते में आ रही हैं। सरकार के लिए एक मुसीबत प्रतिबंधित जिलों में अरसे से जमे शिक्षकों का इच्छित स्थान पर तबादला करने की है तो दूसरी परेशानी इस बात की है कि इन शिक्षकों के तबादलों से नई भर्तियों में वहां (अन्य जिलों में) पदों की संख्या में कटौती हो जाएगी। ऐसे अब भी यह तय नहीं हो पा रहा है कि आखिर प्रतिबंधित जिलों में पहले से लगे शिक्षकों को हटाया जाएगा अथवा नहीं।

"यह बड़ी भर्ती प्रक्रिया है। इसलिए मुख्यमंत्री ही रोस्टर को अनुमोदित करेंगे। विभाग ने अपना काम पूरा कर फाइल मुख्यमंत्री को भेज दी। अब वे ही इस संबंध में फैसला करेंगे।"

-बृजकिशोर शर्मा, शिक्षामंत्री

"शिक्षा विभाग के पदों का रोस्टर मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हमारी तैयारियां पूरी हैं और जिलेवार भर्तियां होंगी।"

महेंद्रजीत सिंह मालवीया, पंचायतीराज मंत्री


source- bhaskar.com

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